purnia ka itihas
हमारे पुर्निया जिला इतिहास के आइने मे बहुत विशाल जिला के रुप मे माना जाता है । यह भारत के सबसे पुराने जिले के ध्रोहर मे से एक है। पुर्निया का प्रिसिध इतिहासकार डॉ. रामेस्वर प्रसाद ने कई बरस के बाद यह मानता दि पुर्निया जिला का स्थापना १४-फरवरी -१७७० को हुई थी । उस समय मुगल शासन अपने अवासान पर था। पुर्निया जिला बिहार के अन्तरगर्त आता है। याहा पर बोली जानि वाली मुख्य भाषा मैथिली, अंगिका,हिन्दी,उर्दू, कुल्हैया,और बंगला,और कुछ हिस्सो मे सूरजापुरी और सन्त्ततिवादी भी बोलते है । ज्यदातर अंग्रेजी माध्यमिक विधालयो मे अंग्रेजी पहली भाषा है। पुर्निया से पुर्व ---- पुर्निया से पुरब बैसी ,दलकौला, किशनगंज,और बंगाल जाने का रासता है, । पुर्निया से पश्चिम----- पुर्निया का पश्चिम मे काझा कोथि और मिरगंज, धम्दाहा कि और जाने का रास्ता निकाला गया है। पुर्निया से उत्तर----पुर्निया से उत्तर कि और जाने वाली हाइवे से कसबा होते हुए अररिया पटना एवं अररिया नेपाल की और प्रस्थान करते है, पुर्निया से